दाऊद खाँ क्यों चाहता था कि शहनी हवेली छोड़ते हुए कुछ साथ रख ले?
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थानेदार दाऊद खाँ शाहनी का बहुत आभारी और उपकृत है। शाहनी ने समय-समय पर उसकी मदद की थी। अत: वह भी अपनी सलाह से शाहनी को भविष्य के संकटों से निबटने हेतु कुछ नकद साथ रखने को कहता है। उसकी व्यावहारिक बुद्धि जानती है कि संकट के समय में आपके पास पड़ी ख़ुद की पूँजी बड़ी काम आती है। इसी सदिच्छा और आत्मीयता वश दाऊद खाँ चाहता है कि शाहनी हवेली छोड़ते हुए कुछ नकद पैसे साथ रख ले।