लाल पान की बेगम कहानी की मूल संवेदना क्या है स्पष्ट कीजिए?
लाल पान की बेगम कहानी की मूल संवेदना क्या है स्पष्ट कीजिए?
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‘लाल पान बाग की बेगम’ कहानी हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार लेखक ‘फणीश्वर नाथ रेणु’ द्वारा लिखी गई है। यह कहानी स्त्री सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत करती है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताने की कोशिश की है कि एक स्त्री भी अपने जीवन को अपने इच्छा और अपनी शर्तों पर जीना चाहती है। स्त्री भी आत्मसम्मान चाहती है।
इस कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताने की कोशिश की है कि एक स्त्री भी अपने जीवन को अपने इच्छा और अपनी शर्तों पर जीना चाहती है। स्त्री भी आत्मसम्मान चाहती है। ऐसी कोई भी कुप्रथा या कुरीति स्त्री को स्वीकार्य नहीं है जो उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए या उसे दोयम दर्जे का करार दे।