फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी लाल पान की बेगम का सारांश लिखिए?
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‘लाल पान की बेगम‘ में बिरजु की माँ की बहुत छोटी-सी इच्छा है। वह अपनी बैलगाड़ी में बैठकर नाच देखने जाना चाहती है। कहानी इस वाक्य से उठती है कि ‛बिरजू की माँ नाच देखने नहीं चलोगी?” लेकिन बिरजू का बप्पा बैलगाड़ी लेकर नहीं आया है और नाच देखने की बेला गुजरी जा रही है। इंतजार करते-करते बिरजू की माँ खीझ रही है।
प्रस्तुत कहानी लाल पान की बेगम फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा लिखित ग्रामीण जीवन की कहानी है। इसमें कहानीकार ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि गांव में लोग किस तरह एक – दूसरे के साथ ईर्ष्या – द्वेष, राग – विराग, आशा – निराशा तथा हर्ष – विषाद के गहरे आवर्त में बंधे होते हैं।